अप्रैल-मई के दो महीने, जब जिंदगी की गरिमा ही नहीं बची

दो महीने तक आपने देखा कि किसी की ज़िंदगी की कोई गरिमा नहीं बची थी. आम आदमी हो...

Post a Comment

Previous Post Next Post